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तिरंगे को किसने डिजाइन किया था ?



किसी भी देश की पहली पहचान उस देश का झंडा ही होता हैं। भारत की पहचान तिरंगा झंडा है। इस झंडे का इतिहास काफी पुराना है। भारत में सबसे पहले राष्ट्रीय झंडे की आवश्यकता महात्मा गांधी ने महसूस की थी। उन्होंने ही सबसे पहले एक झंडे के निर्माण का सुझाव दिया। इसी के बाद कांग्रेस पार्टी से जुड़े पिंगली वेंकैया ने एक झंडे का Design तैयार किया। पिंगली वेंकैया का संबन्ध आंध्र प्रदेश से था।


इस झंडे को गांधी जी के सुझाव के आधार पर तैयार किया गया था। इस झंडे में लाल रंग, हरे रंग तथा सफेद रंग का प्रयोग किया गया था। इसमें लाल रंग हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करता था, हरा रंग मुसलमानों का तथा सफेद रंग भारत के अन्य धर्मों का प्रतीक था। गांधी जी के अनुरोध पर इसमें बीच में चरखे को भी शामिल किया गया था। उस झंडे को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक झंडे के रूप में अपना लिया गया। पहली बार इस झंडे को 1923 में फहराया गया। हालांकि 1931 में ही झंडे में बदलाव करते हुए लाल की जगह केसरिया रंग को शामिल किया गया तथा रंगों का क्रम भी बदला गया। इसे उसी क्रम में लगाया गया जो कि आज है।


हालांकि जब भारत आज़ादी के करीब पहुंचा तो संविधान सभा ने  22 जुलाई 1947 को National Flag से संबंधित एक प्रस्ताव पास किया। इसी में जवाहरलाल नेहरू ने चरखे के स्थान पर झंडे के बीच में अशोक च्रक शामिल करने का प्रस्ताव दिया। इसे स्वीकार कर लिया गया। अब सवाल यह था कि इस डिज़ाइन को किसने तैयार किया था, तो इस संबन्ध में आधिकारिक रूप से कहीं भी किसी का नाम दर्ज नही है। पिंगली वेंकैया का भी नाम कहीं दर्ज नही है।अधिक्तर इतिहासकारों एवं विभिन्न Reports के आधार पर यह दावा किया जाता है कि जो तिरंगा आज है, वास्तव में उसका Design सुरैया तैयबजी ने तैयार किया था। सुरैया तैयबजी के पति बदरुद्दीन तैयबजी एक सरकारी अधिकारी थे एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में काम करते थे। जवाहरलाल नेहरू के कहने पर इन्होंने ही Dr. Rajendar Prasad की अध्यक्षता में ध्वज समिति का गठन किया । इसी के बाद  सुरैया तैयबजी तथा उनके पति बदरुद्दीन तैयबजी ने मिल कर झंडे का अशोक चक्र समेत अंतिम रूप तैयार किया।
इसी Design को संविधान सभा ने भी मंजूरी दी। अतः माना जाता है कि सुरैया तैयबजी का ही यह डिज़ाइन था। इस बात की पुष्टि कई संस्थाएं भी करती है। हालांकि आधिकारिक रूप से तिरंगे के डिजाइनकर्ता के रूप में न तो पिंगली वेंकैया का नाम दर्ज है, न ही सुरैया तैयबजी का। लेकिन अधिकतर इतिहासकारों का मानना है कि भारतीय तिरंगे झंडे को सुरैया तैयबजी ने ही तैयार किया था। सुरैया तैयबजी का सम्बंध हैदराबाद से था।