Akbar Birbal Stories

अकबर बीरबल की 21 मजेदार कहानियां

Akbar Birbal Stories in Hindi

चार मूर्ख



एक दिन बादशाह के मन में एक बात आई कि संसार में मूर्खों की संख्या तो बहुत है, परंतु मैं चार सबसे बड़े मूर्खों को देखना चाहता हूं| बादशाह
ने बीरबल से कहा:- ‘जाओ, ऐसे चार मूर्खों की तलाश करो जिनके जैसा कोई और दूसरा ना मिले’| जो आज्ञा हुजूर, बीरबल ने कहा|
कुछ दूर जाने के बाद बीरबल को एक आदमी दिखाई पड़ा जो थाली में पान का एक बीड़ा और मिठाई लिए हुए बड़े उत्साह से नगर की तरफ
जल्दी-जल्दी भागा जा रहा था|
बीरबल (Birbal) ने उस आदमी से पूछा:- ‘क्यों साहब, कहां भागे जा रहे हो’? आपके पैर खुशी के मारे जमीन पर ही नहीं पड़ रहे हैं|
वह व्यक्ति बोला:- ‘हुजूर, मुझे विलंब हो रहा है| परंतु आपके इतने आग्रह करने पर मैं बता देना चाहता हूं कि मेरी औरत ने एक दूसरा मर्द कर
लिया है| उसके बुलावे पर मैं न्योते में जा रहा हूं’|
बीरबल ने उस आदमी को रोक लिया और कहा:- ‘ पहले तुम्हें बादशाह के पास चलना होगा, तभी तुम आगे जा सकोगे’|वह बादशाह का नाम
सुनकर डर गया तथा लाचार होकर बीरबल के साथ चल दिया|
बीरबल इसको लेकर आगे बढ़ा ही था कि रास्ते में एक घुड़सवार मिला जो एक घोड़ी पर सवार था| पर उसके सिर पर एक बड़ा गट्ठर रखा हुआ
था| बीरबल ने उस आदमी से पूछा:- ‘क्यों भाई, यह क्या मामला है| आप सिर का बोझ घोड़ी पर क्यों नहीं लाद देते’?
उस आदमी ने उत्तर दिया:- ‘हुजूर, मेरी यह घोड़ी गर्भ(पेट) से है| ऐसी दशा में उस पर इतना बोझ नहीं लादा जा सकता’| यह मुझे ले जा रही
है| क्या यह कम है?
बीरबल ने डरा-धमकाकर इस घोड़ी सवार को भी अपने साथ ले लिया| जब बीरबल दोनों व्यक्तियों के साथ बादशाह के सामने पहुंचे, तो
बीरबल ने कहा:- ‘यह चारों मूर्ख आपके सामने है हजूर’|
बादशाह ने कहा:- तीसरा और चौथा कहां है?
बीरबल ने कहा:- तीसरे मूर्ख आप हैं हुजूर, जो आपको ऐसे मूर्खों को देखने की इच्छा होती है और चौथा मूर्ख मैं हूं, जो ऐसे मूर्खों को ढूंढ कर
आपके पास लाया हूं|
बादशाह को बीरबल के इस उत्तर से हैरानी तो हुई लेकिन जब उन्हें उन दोनों की मूर्खता का परिचय मिला तो वह खिल खिलाकर हंस पड़े|

Akbar Birbal Stories in Hindi #2

दो गधों का बोझ


एक बार बादशाह अकबर अपने पुत्र और बीरबल के साथ कहीं घूमने जा रहे थे| पिता-पुत्र दोनों ने अपनी पुस्तक तथा पानदान बीरबल को
थमा दिया|
बादशाह ने बीरबल का मजाक बनाया| अब तो तुम पर एक गधे का बोझ हो गया है, बीरबल| लेकिन बीरबल भी कहां चुप रहने वाला था| उसने
तुरंत ही उत्तर दिया:- “एक गधे का कहां हुजूर, दो गधों का बोझ हो गया है”|
यह सुनकर बादशाह झेंप गए| वह बीरबल का अर्थ समझ गए कि बीरबल ने किस सफाई से पिता और पुत्र दोनों को गधा कह दिया|

Akbar Birbal Stories in Hindi #3

बैंगन का नहीं आपका नौकर हूं


एक बार बादशाह अकबर(Akbar) बैंगन की प्रशंसा कर रहे थे| बीरबल भी बादशाह की हां में हां मिला रहे थे| यही नहीं बल्कि अपनी तरफ से दो चार शब्द भी बैंगन की प्रशंसा में कह दिए|
एक दिन बादशाह ने बीरबल के सामने बैंगन की निंदा की| उस दिन भी बीरबल ने बादशाह की बात का समर्थन किया तथा बैंगन में दुर्गुण बताने शुरू कर दिए|
बादशाह को यह सुनकर ताज्जुब हुआ और बोले:- ‘बीरबल, तुम्हारी बात का यकीन नहीं है| कभी तुम प्रशंसा करते हो कभी निंदा करते हो| जब मैंने एक दिन बैंगन की तारीफ की थी और तुमने भी सराहना की थी और आज तुम जिंदा कर रहे हो, ऐसा क्यों है?
बीरबल ने उत्तर दिया कि जहांपनाह, मैं बैंगन का नहीं बल्कि आपका नौकर हूं| बादशाह इस बात को सुनकर बड़े मुस्कुराए|

Akbar Birbal Stories in Hindi #4

बुला कर लाओ


एक दिन सुबह-सुबह बादशाह ने अपने एक सेवक को हुक्म दिया| ‘जाओ बुला कर लाओ’|
आगे कुछ नहीं बताया| सेवक ने भी नहीं पूछा और उसका साहस भी नहीं हुआ| लेकिन उसकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि वह किसे बुला
कर लाए? उसने अपने सभी मित्रों से मदद मांगी, लेकिन कोई बात नहीं बनी| अंत में वह बीरबल के पास पहुंचा| वह जाते ही बीरबल के पैरों में
गया और गिड़गिड़ाकर कहने लगा:- ‘हुजूर, मेरी मदद करो| मैं बड़े संकट में फंस गया हूं’| बीरबल ने कहा:- ‘क्या बात है बताओ’| बात यह है
हुजूर, बादशाह ने आज हुक्म दिया है कि जाओ बुला कर लाओ| अब आप ही बताइए कि मैं किसे बुलाकर लाऊं, समझ में नहीं आ रहा है|
बीरबल ने पूछा:- ‘जिस समय हुक्म दिया था, वह क्या कर रहे थे’?
नहाने की तैयारी में थे| बीरबल ने कहा, तो जाओ जल्दी से नाई को बुला कर ले आओ| बादशाह, हजामत बनवाना चाहते हैं| सेवक नाई को
बुलाकर ले आया| बादशाह बहुत खुश हुए| उन्होंने पूछा:- ‘यह सलाह तुम्हें किसने दी, तुम तो इतने चतुर नहीं हो’|
सेवक ने डरते हुए कहा:- ‘बादशाह सलामत, यह सलाह मुझे बीरबल ने दी है’| बादशाह इस बात को सुनकर बड़े खुश हुए|

Akbar Birbal Stories in Hindi #5

बादशाह की अंगूठी


एक बार बादशाह अकबर(Akbar) की अंगूठी कहीं खो गई| जब बीरबल दरबार में पहुंचे तो अकबर ने उनसे कहा बीरबल मेरी अंगूठी कहीं खो गई है| यह अंगूठी मुझे बहुत प्यारी थी, क्योंकि यह मेरे पिताजी ने मुझे उपहार के रूप में दी थी| क्या तुम इसे ढूंढने में मेरी मदद करोगे?
बीरबल ने कहा:- “आप चिंता ना करें जहांपनाह! आपकी अंगूठी तुरंत ही मिल जाएगी|” बीरबल ने कहा:-” हुजूर, आप की अंगूठी इसी दरबार में ही है| जिस व्यक्ति की दाढ़ी में तिनका है उसी के पास अंगूठी है|
जिस व्यक्ति के पास बादशाह की अंगूठी थी उसने घबरा कर अपने हाथ दाढ़ी पर रख लिए| बीरबल उसकी इस प्रतिक्रिया को समझ गया और उसने सैनिकों को उस व्यक्ति की तलाशी लेने के लिए कहा और उस व्यक्ति की तलाशी लेने पर वह अंगूठी उसकी जेब से पाई गई| बादशाह के आदेश पर उस व्यक्ति को कारावास में डाल दिया गया|
बीरबल (Birbal) की  बुद्धिमता से बादशाह अकबर बहुत खुश हुए और उन्होंने बीरबल से पूछा बीरबल मुझे बताओ कि तुम ने अपराधी को कैसे ढूंढ लिया| बीरबल ने बादशाह को बताया:- “जहांपनाह! मैंने तो तीर अंधेरे में मारा क्योंकि मुझे पता है कि अपराध करने वाला हमेशा डरता है| असली अपराधी ने अपनी दाढ़ी पर अपना हाथ बढ़ाकर यह साबित कर दिया कि वह ही अपराधी है|

Akbar Birbal Stories in Hindi #6

कौन सी ऋतु सबसे अच्छी


एक बार बादशाह ने भरी सभा में पूछा:- गर्मी, बरसात, सर्दी, हेमंत, शिशिर और बसंत इन छ: ऋतुओ में से सबसे अच्छी ऋतु कौन सी है?
सभी दरबारियों ने अपनी-अपनी अभिरुचि के अनुसार किसी ने कुछ और किसी ने कुछ बतलाया|
लेकिन दरबारियों की बात सुनकर बादशाह को मजा नहीं आया| फिर उन्होंने बीरबल से पूछा| बीरबल ने तुरंत ही जवाब दिया| ‘पेट भरे की
ऋतु अच्छी होती है, हुजूर’|
बादशाह ने कहा:- क्या मतलब? भूखों के लिए कुछ भी ठीक नहीं| सभी ऋतुए उनके लिए कष्टदाई होती है| लेकिन जिनका पेट भरा हुआ होता
है, उनके लिए सभी ऋतुए अच्छी होती हैं| बादशाह बीरबल की इस बात को सुनकर बड़े खुश हुए|

Akbar Birbal Stories in Hindi #7

चार आलसी


एक दिन बादशाह को खबर मिली कि दो आलसी बेकार रहने के कारण होकर मर गए| दूसरे ही दिन बादशाह ने घोषणा कर दी कि राज्य में जितने भी आलसी लोग हैं उन सबको राज्यकोष से भोजन और वस्त्र मिलेंगे|
अब क्या था| धीरे-धीरे आलसियों की तादाद बढ़ने लगी और थोड़े ही दिनों में लाखों आलसी पैदा हो गए| बादशाह की चिंता बढ़ने लगी| तब उन्होंने बीरबल से अपनी चिंता प्रकट की| बीरबल ने सारे राज्य में घोषणा कर दी की फला दिन आलसियों को राज्य भंडार से कश्मीरी दुशाले बांटे जाएंगे|
इस खुशखबरी को सुनकर लाखों की भीड़ जमा हो गई| बीरबल ने पहले ही एक बड़ा विशाल बाड़ा बनवा रखा था बीरबल ने उन सभी बनावटी आलसियों को उस बाड़े में भर दिया| 5 मिनट में सारा बड़ा खाली हो गया| केवल चार व्यक्ति ऊंघ रहे थे|
बीरबल ने कहा जहांपनाह यही 4 सबसे बड़े आलसी है| बादशाह ने उन चारों को राज्य की ओर से खाने का सामान और कपड़े देकर विदा किया|

Akbar Birbal Stories in Hindi #8

किस नदी का जल उत्तम है


एक दिन सभा में बैठे हुए बादशाह ने अपने सभी दरबारियों से एक प्रश्न पूछा कि किस नदी का जल सबसे उत्तम है?
सभी दरबारियों ने एक स्वर में गंगा के जल की प्रधानता बताई| बीरबल तब तक चुप बैठे थे|
बीरबल को चुप देखकर बादशाह बोले:- ‘बीरबल तुम्हारी क्या राय है’?
बीरबल ने उत्तर दिया कि जहांपनाह, नदियों में यमुना नदी का जल सबसे उत्तम है| बादशाह यह सुनकर बोले, तुम्हारा दिमाग तो खराब
नहीं है| तुम्हारे ग्रंथों में तो गंगा जल की विशेष महिमा है और तुम यमुना के जल को उत्तम बता रहे हो|
बीरबल ने कहा:- ‘जहांपनाह, मैंने जो कुछ भी कहा है वह सोच समझकर ही कहा है’|
गंगाजल अमृत है, जिसकी तुलना जल से नहीं हो सकती है| इसीलिए मैंने यमुना नदी के जल को सर्वश्रेष्ठ बताया है| बीरबल के उत्तर से
बादशाह व अन्य दरबारी बड़े खुश हुए|

Akbar Birbal Stories in Hindi #9

12 में से 4 गए तो बाकी क्या बचा


एक बार बादशाह ने बीरबल से उसकी हिसाब संबंधी योग्यता की तारीफ सुनकर एक प्रश्न किया कि 12 में से यदि 4 गए तो बाकी क्या बचेगा|
बीरबल ने तुरंत ही उत्तर दिया कि जहांपनाह यदि 12 में से 4 चले गए तो खाक बचेगा|
यह सुनकर बादशाह ने बीरबल से उन्हें समझाने को कहा कि कैसे?
बीरबल बोले:- ‘साल में 12 महीने होते हैं हुजूर, यदि उन 12 महीने में से 4 महीने वर्षा ऋतु के निकाल दिए जाएं तो खाक ही तो बचता है’|
बादशाह बीरबल के उत्तर से हंस पड़े|

Akbar Birbal Stories in Hindi #10

सबसे बड़ा कौन


एक दिन टहलते हुए बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा कि दुनिया में सबसे बड़ा कौन है? बीरबल समझ गया कि राज्य विस्तार के अहंकार में आकर ही बादशाह ने ऐसा प्रश्न किया है|
बीरबल ने जवाब दिया कि सबसे बड़ा छोटा बच्चा होता है| बादशाह को इस उत्तर से संतुष्ट नहीं हुई और बीरबल को पुनः सिद्ध करने की आज्ञा दी| बीरबल ने इस काम के लिए कुछ दिन का समय मांगा| बादशाह ने स्वीकार कर लिया|
अपने उत्तर को सिद्ध करने के लिए बीरबल ने अपने किसी मित्र के 2 साल के छोटे बच्चे को बादशाह के सामने खड़ा कर दिया| वह बच्चा बहुत सुंदर भी था इसलिए बादशाह ने उसको अपनी गोद में उठा लिया| बालक ने अपनी चंचलता के कारण बादशाह की दाढ़ी के बालों को खींचना शुरु कर दिया| बादशाह ने बीरबल से कहा कि इस बालक को क्यों लाए हो|
बीरबल ने बालक को बड़ा साबित करने का यही उपयुक्त समय समझा और बोले:- ‘दुनिया के और लोगों से आप चाहें कितने ही बड़े क्यों ना हो, लेकिन इस समय तो यह छोटा बच्चा भी आप से बड़ा है| ऐसा नहीं होता तो यह आपकी दाढ़ी खींचने का साहस कैसे करता| ऐसा करने की हिम्मत किसी और में नहीं है, जहांपनाह| इस बात को सुनकर बादशाह बहुत खुश हुए|

Akbar Birbal Stories in Hindi #11

घुंघुचियो का महत्व


एक दिन बादशाह ने बीरबल से पूछा कि बीरबल तुम्हारे श्री कृष्ण भगवान घुंघुचियो की माला पहनते थे| क्या उनके पास हीरे-जवाहरात नहीं
थे? भगवान का अर्थ ऐश्वर्य कार होता है| पर मालूम होता है कि वह केवल नाम के ऐश्वर्या थे, जो ऐसी चीज गले में पहनते थे|
बीरबल ने कहा:- जहांपनाह, हमारे धर्म ग्रंथों में लिखा है कि जो चीज एक बार भी सोने से तोल दी जाती है, वह महान और पवित्र हो जाती है|
फिर घुंघुचिय, सैकड़ों बार सोने से तुलती है| अतः उन की पवित्रता का कहना ही क्या| इसी महान पवित्रता के कारण ही तो उन्हें भगवान की
माला में स्थान मिला है| बादशाह बीरबल के इस उत्तर को सुनकर लज्जित हो गए|

Akbar Birbal Stories in Hindi #12

अंधकार


बादशाह के साथ बीरबल यमुना किनारे घूम रहे थे| रास्ते में उन्हें एक जरूरी बात ध्यान में आई और बोले:- बीरबल!- इस संसार में ऐसी कौन सी चीज है, जिसे हम सब देख सकते हैं लेकिन चंद्रमा की नजर उस पर नहीं पड़ती|
तब बीरबल बोले:- ‘जहांपनाह, वह चीज अंधकार है|

Akbar Birbal Stories in Hindi #13

सच और झूठ में अंतर


एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा कि सच और झूठ में क्या अंतर होता है| बीरबल ने उत्तर दिया जहांपनाह, इन दोनों के बीच इतना ही अंतर है कि जितना आंख और कान में होता है|
बादशाह की समझ में यह जवाब नहीं आया तो उन्होंने बीरबल से पूछा ऐसा क्यों होता है?
बीरबल ने कहा:- ‘जहांपनाह, जो कुछ आंखों से देखा जाता है वह सच्चा होता है और जो कानों से सुना होता है वह कई बार झूठ होता है| बीरबल की यह जवाब सुनकर बादशाह संतुष्ट हो गए|

Akbar Birbal Stories in Hindi #14

किसका अच्छा


एक दिन बादशाह अकबर के ध्यान में पांच प्रश्न आए, जिनको उन्होंने सभी दरबारियों से पूछा| बीरबल उस समय दरबार में मौजूद नहीं थे|
वे पांच प्रश्न इस प्रकार थे-
1. फल कौन सा अच्छा?
2. दूध किसका अच्छा?
3. मिठाई कौन सी अच्छी?
4. पत्ता कौन सा अच्छा?
5. राजा कौन अच्छा?
बादशाह के प्रश्नों को सुनकर दरबारियों में मतभेद पैदा हो गया| किसी ने गुलाब का फूल अच्छा बताया तो किसी ने कमल का फूल| इसी तरह दूध के लिए भी मतभेद हुआ| किसी ने गाय का दूध, किसी ने भैंस का व किसी ने बकरी का दूध श्रेष्ट बताया| मिठाई में किसी ने गन्ने को व किसी ने अन्य मिठाइयों को श्रेष्ट बताया|
पत्ते में किसी ने केले का पत्ता, किसी ने नीम आदि के पत्ते को गुणकारी बताकर अपनी योग्यता का परिचय दिया|
राजा कौन अच्छा मैं किसी चापलूस दरबारी ने कहा कि बादशाह अच्छे|
बस फिर क्या था, इस जवाब का सभी ने एक स्वर में समर्थन किया कि हमारे बादशाह सबसे अच्छे|
बादशाह को इन लोगों की स्वामी भक्ति पर प्रसन्नता तो जरूर हुई किंतु अपने प्रश्नों का सही उत्तर नहीं मिला| इसलिए उन्हें संतोष नहीं हुआ| बादशाह, बीरबल का इंतजार कर रहे थे क्योंकि वे जानते थे कि उनके इन प्रश्नों का सही उत्तर बीरबल ही दे सकते हैं|
बादशाह यह सोच ही रहे थे कि अचानक बीरबल दरबार में आ पहुंचे| बादशाह ने बीरबल से वह पांचों प्रश्न दोहराएं और उनका जवाब मांगा|
बीरबल ने कहां:
1. फूल कपास का अच्छा होता है जिससे सारी दुनिया का पर्दा बनता ,है क्योंकि उसी फूल से कपड़े बनते हैं|
2. दूध अपनी माता का सबसे अच्छा होता है क्योंकि इसी से शरीर बनता है|
3. मिठास, जिव्हा की वाणी में होती है|
4. पत्ता पान का अच्छा होता है, जो धार्मिक अनुष्ठानों में भी पूजनीय है|
5. राजाओं में इंद्र सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि इन्हीं की आज्ञा से पानी बरसता है जिसके कारण संसार में कृषि का कार्य होता है और हमारा व प्रजा का
पालन पोषण होता है|
बादशाह और सभी दरबारी बीरबल के इन उत्तरों को सुनकर बहुत ही प्रसन्न हुए|

Akbar Birbal Stories in Hindi #15

संगति का असर


बादशाह और बीरबल की आपस में बातें हो रही थी कि अचानक बीरबल के मुंह से कोई अपशब्द निकल गया| बादशाह को बड़ा बुरा महसूस हुआ और वह बोले:- ‘बीरबल क्या तुम्हें बोलने की तमीज नहीं रही| इन दिनों तुम बहुत बदतमीज होते जा रहे हो’|
बीरबल बोले:- ‘हां जहांपनाह, पहले तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता था, लेकिन क्या करूं यह सब संगति का असर है| बादशाह यह बात सुनकर निरुत्तर हो गए|

Akbar Birbal Stories in Hindi #16

थोड़ी बहुत बातें


एक दिन बीरबल के साथ उनकी लड़की जिसकी आयु 5 वर्ष की थी बादशाह का दरबार देखने आई|
बादशाह लड़की को देखकर बहुत खुश हुए और हंसकर उन्होंने लड़की से पूछा:- क्या तुम बातें करना जानती हो?
लड़की ने उत्तर दिया कि थोड़ी बहुत बातें कर लेती हूं| बादशाह लड़की कि इस बात से खुश तो हुए लेकिन उन्होंने लड़की से पूछा बेटा थोड़ी-बहुत का क्या मतलब है|
लड़की ने बादशाह की ओर एक दफा देखकर गर्दन नीची कर ली, लेकिन अपने पास ही बैठे छोटे बच्चे को गोद में लेकर प्यार करने लगी| बादशाह ने बीरबल से कहा कि क्या यह वही लड़की है जिसके तुम इतनी प्रशंसा किया करते थे|
बीरबल समझ गए कि लड़की का संकेत बादशाह की समझ में नहीं आया| तब उन्होंने समझाते हुए कहा कि जहांपनाह, उस बच्ची ने तो आपके प्रश्न का उत्तर दे भी दिया, लेकिन आपको समझ नहीं आया|
बादशाह बोले :- उस लड़की ने उत्तर कहां दिया|
बीरबल ने कहा कि लड़की ने पहले आप की ओर देखा फिर गर्दन नीची कर ली| इसका मतलब है कि आप मुझसे बहुत बड़े हैं तो आपसे मैं थोड़ी ही बातें करूंगी|
लड़की ने जो छोटे बच्चे को गोद में लेकर प्यार किया| उसका मतलब यह था कि जो मुझसे छोटे हैं, मैं उनसे बहुत सी बातें करूंगी| यही थोड़ी-बहुत का मतलब है|
बादशाह लड़की के इस उत्तर से बहुत खुश हुए तथा साथ ही लड़की की बुद्धिमत्ता की प्रशंसा भी की|

Akbar Birbal Stories in Hindi #17

सबसे उज्जवल क्या?


एक दिन बादशाह ने सभी दरबारियों से एक प्रश्न पूछा कि सबसे उज्जवल क्या होता है?
सभी दरबारियों ने किसी ने कपास तो किसी ने दूध बताया| बीरबल को चुप देखकर बादशाह बोले:- ‘बीरबल, आपकी क्या राय है’?
बीरबल ने उत्तर दिया:- ‘जहांपनाह, मेरी समझ से तो सबसे उज्जवल दिन होता है’| बादशाह बोले:- ‘तुम्हें इस बात को साबित करना पड़ेगा’| बीरबल ने यह स्वीकार कर लिया| अगले दिन दोपहर में जब बादशाह विश्राम कर रहे थे|
तब बीरबल ने एक कटोरा दूध तथा 2-4 कपास के फूल ले जाकर दरवाजे के पास रख कर दरवाजे चारों तरफ से बंद कर दिए|
प्रकाश बिल्कुल नहीं आ रहा था| बादशाह जब उठे तो सीधे दरवाजे की तरफ बढ़ने लगे|
अंधेरा होने की वजह से सारा दूध गिर गया| दरवाजा खुलने से प्रकाश हुआ तो बादशाह ने दूध का कटोरा तथा कपास को बिखरा हुआ पाया| बाहर निकलते ही बादशाह ने बीरबल को बैठे हुए देखा और मन ही मन सोचा कि यह जरूर बीरबल की ही कारस्तानी है|
बादशाह ने बीरबल को दरबार में बुलाया और इस गुस्ताखी की वजह पूछी| बादशाह के पूछने पर बीरबल ने उत्तर दिया कि जहांपनाह, कल के दरबार में सबसे उज्ज्वल पर लोगों ने अपनी अपनी राय दी थी| सभी ने दूध और कपास को मुख्य रुप से बताया था| मैंने दिन को सबसे उज्जवल बताया था|
मैंने दूध और कपास इसलिए रास्ते में रख दिए थे, क्योंकि यह चीजें उज्ज्वल है तो जरूर दिखाई देंगी| किंतु ऐसा हो ना सका| इसलिए अब तो आपको मानना पड़ेगा कि दिन भी सबसे उज्जवल होता है, क्योंकि दरवाजा खोलते ही प्रकाश हुआ| जिससे आप सब चीजों को देख पाए| बादशाह, बीरबल की बुद्धिमानी पर दंग रह गए|

Akbar Birbal Stories in Hindi #18

 बादशाह की मूंछ


अकबर को अपने दरबारियों और खुद को खुश करने के लिए कई तरह के रोचक प्रश्न पूछने का एक अजीब शौक था।
एक दिन, अकबर, शाही दरबार में अपनी शाही कुर्सी पर आराम से बैठे थे| अचानक उनके मन में एक विचित्र सवाल आया और उन्होंने अपने दरबारियों से पूछा, ” मेरी मूंछो को खींचने वाले व्यक्ति को क्या दंड दिया जाना चाहिए?” मंत्री ने कहा, जहांपनाह” ऐसे दुष्ट व्यक्ति का सर कलम कर देना चाहिए!”
खजांची ने कहा, “उसे कारागार में डाल देना चाहिए!”
सेना के प्रमुख ने कहा, “उसे फांसी दी जानी चाहिए!”
दरबार में उपस्थित सभी लोगों ने अपराधी के लिए एक से बढ़कर एक कठोर दंड के सुझाव दिए।
बादशाह ने यही सवाल बीरबल से पूछा, “आप क्या सोचते हैं, बीरबल?”
बीरबल एक पल के लिए चुप रहे, और फिर कहा, “हुजूर, उसे मिठाई दी जानी चाहिए!”
“क्या बकते हो, बीरबल? क्या तुम जानते हो कि तुम क्या कह रहे हो? ”
बीरबल ने विनम्रता से जवाब दिया, हुजूर, “मैं पागल नहीं हूँ, ! और मुझे पता है कि मैं क्या कह रहा हूँ! ”
अकबर ने क्रोध में पूछा, ” फिर तुम ऐसा सुझाव कैसे दे सकते हो कि जो व्यक्ति मेरी मूछों को खींचता है मुझे उसे दंडित करने की बजाय उसको इनाम देना चाहिए” बीरबल ने फिर से विनम्रता से जवाब दिया, “क्योंकि, हुजूर, ऐसी गुस्ताखी आप के पोते के अलावा कोई नहीं कर सकता है।”अकबर, बीरबल के इस जवाब से बहुत खुश हुए और अपनी अंगूठी उतारकर बीरबल को इनाम के रूप में दे दी।

Akbar Birbal ki Kahaniya #19

बकरे का दूध


एक बार बादशाह ने बीरबल से कहा कि बीरबल हमारी बेगम को कुछ दिन से सिर में दर्द रहता है| किसी ओझा ने इसकी दवा बनाने के लिए
बकरे का दूध मांगा है| इसलिए कहीं से भी जाकर बकरे का दूध लेकर आओ|
बीरबल समझ गया कि ओझा ने बादशाह को मूर्ख बनाया है| घर जाकर बीरबल ने अपनी लड़की को समझाया और वह तुरंत ही रात्रि के समय
बादशाह के महल के पास नदी में कपड़े धोने लगी| बादशाह ने उस लड़की को देखकर कहा:- अरे! तुम तो बीरबल की लड़की हो|
तुम इतनी रात को यहां क्या कर रही हो?
लड़की ने कहा:- जी हजूर, मैं बीरबल की लड़की हूं| अभी शाम को ही बीरबल के पेट से बच्चा पैदा हुआ है और मैं उन्हीं के कपड़े धो रही हूं|
बादशाह ने कहा:- लड़की क्या तू पागल हो गई है? कहीं मर्द के पेट से भी बच्चा होता है|
लड़की ने कहा:- तो हजूर कहीं बकरा भी दूध देता है|
लड़की की यह बात सुनते ही बादशाह समझ गए और उसे इनाम देकर विदा किया|

Akbar Birbal Kahani #20

चालाक औरत


एक बार एक औरत किसी आदमी से झगड़ती हुई और रोती हुई बादशाह के सामने आकर कहने लगी कि इस आदमी ने मेरा सारा जेवर छीन
लिया है| बादशाह ने इस केस की जांच बीरबल को सौंप दी| बीरबल ने दोनों को अपने पास बुलाया और पहले उस औरत से पूछा:- क्या
शिकायत है तुम्हारी? हुजूर इस आदमी ने मुझे पकड़ा, पीटा और मेरा सारा जेवर छीन लिया| बीरबल ने उस आदमी की तरफ देखा| फिर उस
आदमी से पूछा, क्या तुमने इस औरत के जेवर छीने हैं?
नहीं सरकार, यह औरत एकदम झूठी है| मैंने इसके जेवर नहीं छीने हैं| बीरबल ने गुस्से में कहा:- तुम झूठ बोल रहे हो| तुमने ही इस महिला
के जेवर छीने है| ‘जी नहीं हुजूर’ मैं सच बोल रहा हूं| बीरबल ने फिर पूछा:- ‘सच सच बता दो’|
मैं सच कहता हूं, हुजूर, मैंने इसके जेवर नहीं छीने है| बीरबल ने औरत से पूछा:- ‘कितने मूल्य का जेवर था तुम्हारा’|
हुजूर कम से कम 500 रुपए का है| बीरबल ने कहा:- चलो कोई बात नहीं यह आदमी तुम्हें 500 रुपए दे देगा| बीरबल ने उस आदमी को
धमकाते हुए कहा:- इस महिला को 500 रुपए दे दो| उस आदमी ने घबराकर उस औरत को 500 रुपए दे दिए|
वह औरत 500 रुपए लेकर चल पड़ी| वह बहुत खुश थी| जब वह चली गई तो बीरबल ने उस आदमी से कहा:- ‘उस औरत के पीछे पीछे जाओ
और 500 रुपए छीन कर ले आओ’|
वह आदमी बीरबल का मुंह देखने लगा| बीरबल ने कहा:- ‘देखते क्या हो, जाओ छीन लाओ’| यह सुनकर वह आदमी चला गया| थोड़ी देर बाद
ही वह औरत उस आदमी को खींचते हुए लेकर आई और रोते हुए बताना शुरू किया|
यह फिर से मेरे पैसे छीन रहा था|छीन तो नहीं लिए? बीरबल ने पूछा| नहीं हुजूर, यह छीन नहीं सका, लेकिन इसने छीनने की बहुत कोशिश
की| मैं इसे पकड़कर आपके सामने लाई हूं| इसे सजा दीजिए| सजा तो जरूर देंगे लेकिन इसे नहीं, सजा तुम्हें मिलेगी| वह औरत घबरा गई|
बीरबल ने कहा:- इस व्यक्ति ने तुम्हारे जेवर नहीं छीने हैं| तुम झूठ बोल रही हो| जो आदमी तुमसे 500 रुपए नहीं छीन सकता है, भला वह
तुम्हारे शरीर से तुम्हारे जेवर कैसे उतरवा सकता है| तुम्हें इस झूठ की सजा जरूर मिलेगी| पहले इस आदमी को उसके 500 रुपए वापस दे दो
और 500 रुपए जुर्माने के भी देने पड़ेंगे| वह औरत रोने लगी और बीरबल के पैरों में गिर गई| ‘मुझे माफ कर दीजिए हजूर’| बीरबल को दया
आ गई और उसने उस औरत से 500 रुपए लेकर उस व्यक्ति को दे दिए और उस औरत को शर्मिंदा करके छोड़ दिया|

Akbar Birbal Stories in Hindi #21

हर वक्त कौन चलता है


एक दिन बादशाह ने दरबारियों से पूछा कि हर समय कौन चलता है?
उत्तर में किसी ने सूर्य, किसी ने पृथ्वी तथा किसी ने चंद्रमा आदि को बताया| बादशाह ने यही प्रश्न बीरबल से पूछा, तो बीरबल ने उत्तर
दिया:- ‘जहांपनाह! महाजन का ब्याज हर समय चलता है| इसे कभी भी थकावट महसूस नहीं होती| यह दिन दुगना और रात चौगुना वेग से
चलता रहता है’| बादशाह को बीरबल का यह उत्तर पसंद आया|


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